readenglishbook.com » Thriller » तलाश, अभिषेक दलवी [books successful people read .txt] 📗

Book online «तलाश, अभिषेक दलवी [books successful people read .txt] 📗». Author अभिषेक दलवी



1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 ... 15
Go to page:
यह कहानी है उस खजाने की जो सत्रहवी शताब्दी में दुनिया से छिपाया गया था। यह खजाना किसी के लिए अमानत था, किसी के लिए पुरखों का आशीर्वाद ,तो किसके लिए बस अमीर बनने का रास्ता ।इस खजाने को छिपाने के बाद कई दिन , महीने ,साल ,सदियां तक बीत गई पर किसीने भी इसे ढूंढने की हिम्मत नहीं की। क्योंकी इसे छिपानेवालों इतने गुमनामी ,चालाखी और होशियारी से अपना काम किया था की सुननेवालों को यह खजाने की हक़ीक़त सिर्फ अफवा लगे । पर इस अफवा को सच माननेवालों ने भी कभी इसे तलाशने की कोशिश नहीं की। क्योंकी वह यह बात अच्छी तरह से जानते थे की यह खजाना जितना कीमती है उससे कई गुना ज्यादा खतरा इसकी तलाश करने में है । सदियों तक वह खजाना इंसान की नजरों दूर दुनिया के किसी कोने में छिपा रहा शायद अपने असली हकदार का इंतजार करते हुए ।
इक्कीसवी सदी में एक नौजवान उभरा, जिसमे वह खजाना पाने का हौसला ,काबिलियत और जरूरत थी। उस नौजवान को उस खजाने की तलाश थी या फिर उस खजाने को नौजवान की ,यह कह पाना मुश्किल है पर उसने वह खजाना पाने का फैसला कर लिया या फिर हम यह भी कह सकते है हालातोंने उसे उस खजाने की तलाश में छोड़ दिया । उसकी यह तलाश बिल्कुल भी आसान नहीं थी ,उसे ऐसे मुश्किलों का सामना करना पड़ता जो उसने ना ही कभी देखे थे और ना ही कभी सुने थे, कई बार उसे मौत का सामना भी करना पड़ा। पर इस सब के बावजूद क्या उसे खजाना मिला ?
सतराहवी शताब्दी मे जोधपुर के एक व्यापारी अपनी जिंदगी की सारी जमापूँजी जिसमे कई सोना, कीमती हिरे ,मोती ,नीलम मानक शामिल थे । ऐसा कीमती खजाना अपनी शाही हवेली के अंदर पहरेदारों के बीच रखने के बजाए एक मराठा सरदार से उसे महफूज रखने की विनती क्यों करते है ??
उदय शर्मा पंद्रह बीस साल पहले मुंबई की गलियों मे रहनेवाला मामूलसा नौजवान जो दो वक्त की रोटी के लिए किसी मिल मे नौकरी कर रहा था । वह अपने सपने , सूझबूझ और हिम्मत से कुछही सालों मे इतनी तरक्की कर लेता है की मजदूर से मालिक बन जाता है । आसमान की बुलंदीयो कॊ छूने की कोशिश करता है । आलीशान महलों मे रहनेवाली एक हसीना यौवना उसकी होशियारी , बहादुरी और काबीलियत पर इतनी मोह जाती है की अपनी सारी जिंदगी हमेशा हमेशा के लिए उसके नाम कर देती है ।
पर उस नौजवान जिंदगी यही नही रुकती उसके जीवन मे एक ऐसा मोड़ आता है की नियती उसने कमाई हुई सारी पूँजी , इज्जत यहाँ तक की उसकी जीवनसाथी भी उससे छीन लेती है । पुलिस केस , कर्जा और दुश्मनों की चंगुल से अपनी जान बचाते हुए वह ऐसी जगह पहुँचता है । जहाँ वह उस जगह से पूरी तरह अंजान रहता है मगर वह जगह वह मिट्टी उससे अच्छी तरह वाकिफ रहती है । वहाँ उसे कई मुश्किलों से गुजरना पड़ता है और वही मुश्किलें उसका भविष्य तय करती है ।
उसके साथ वहाँ क्या क्या होता है यह जानने के लिए आप यह उपन्यास जरूर पढिए । आशा है आपको जरूर यह कहानी रोचक महसूस होगी ।
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 ... 15
Go to page:

Free e-book «तलाश, अभिषेक दलवी [books successful people read .txt] 📗» - read online now

Comments (0)

There are no comments yet. You can be the first!
Add a comment