humsafar...., neha pandey pant, neha pandey pant [small books to read TXT] 📗
- Author: neha pandey pant, neha pandey pant
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humsafar.......
हमसफर
ख्वाहिश थी,एक तुम्हे पाने की।
सूनी सी जिन्दगी मे तुम्हारे आने की
उम्मीदं का ये कैसा सितारा मिला
जिसे चाहा वो किनारा मिला
दरिया में तो हजारों मुसाफिर आते है।
पर ना जाने कैसै एक तुम्हारा इशारा मिला।
यूँ बहते चले गये तेरे प्यार में।
हर एक नजारा प्यारा लगा
हमसफर हो तुम साथ चलना यूँ ही।
कोई शिकायत हो बात करना यूँ ही।
रहेगें दुनियाँ मे हमेशा साथ साथ।
चाहे जिन्दगी करे कितने सितम् हमारे साथ।
ये सूरज वहीं है।
ये रोशनी वो ही है।
पर जीना अच्छा लगा तुम्हारे साथ।
तम्मना बस इतनी छोटी सी जिन्दगी में।
कट जाये बस ये तेरी बन्दगी में।
ख्वाहिश थी एक तुम्हे पाने की............
Imprint
Publication Date: 07-22-2013
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Dedication:
dedicated to my love...
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